top of page
Search

जानिए माउंट आबू के बारे में

माउंट आबू राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित एक प्रसिद्द हिल स्टेशन है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आरामदायक जलवायु, हरी भरी पहाड़ियों, निर्मल झीलों, वास्तुशिल्पीय दृष्टि से सुंदर मंदिरों और अनेक धार्मिक स्थानों के लिए प्रसिद्द है। यह स्थान जैनियों के प्रसिद्द तीर्थ स्थानों में से एक है। यह हिल स्टेशन अरावली पर्वत की सबसे ऊँची चोटी पर 1220 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। माउंट आबू अपने शानदार इतिहास, प्राचीन पुरातात्विक स्थलों और अद्भुत मौसम के कारण राजस्थान के पर्यटन के आकर्षणों में सबसे बड़ा है। अधिकांशतः गर्मियों में और मानसून के दौरान यहाँ प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक और भक्त आते हैं। पिछले दशकों में यह हिल स्टेशन गर्मियों और हनीमून के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। पौराणिक कथाओं में माउंट आबू इस स्थान को ‘अर्बुदरान्य’ भी कहा जाता है, जिसका नाम नाग देवता ‘अर्बुदा’ के नाम पर पड़ा। किवदंतियों के अनुसार भगवान शिव के पवित्र बैल नंदी की रक्षा करने के लिए नागदेवता इस पहाड़ी के नीचे आए थे। अर्बुदारन्य का नाम बाद में बदलकर ‘अबू पर्वत’ या ‘माउंट आबू’ कर दिया गया।


ऐतिहासिक रूप से यह स्थान गुर्जरों या गुज्जरों द्वारा बसाया गया और अर्बुदा पर्वत के साथ इनका जुड़ाव इस क्षेत्र में पाए जाने वाले शास्त्रों और शिलालेखों में दिखता है। माउंट आबू में पर्यटन स्थलों का भ्रमण इस स्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल नक्की झील, सनसेट पॉइंट, टोड रॉक, अबू रोड का शहर, गुरू शिखर चोटी और माउंट आबू वन्य जीवन अभयारण्य हैं। माउंट आबू में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के अनेक स्मारक हैं जिनमें मुख्य रूप से दिलवारा के जैन मंदिर, आधार देवी मंदिर, दूध बावडी, श्री रघुनाथ जी मंदिर और अचलगढ़ किला आते हैं। माउंट आबू पहुँचना माउंट आबू रास्ते, रेल और वायुमार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वायुमार्ग द्वारा यहाँ पहुँचने के लिए पर्यटक उदयपुर की उड़ान ले सकते हैं जो यहाँ से लगभग 185 किमी. की दूरी पर है। यहाँ वर्ष भर मौसम खुशनुमा रहता है हालांकि इस स्थान की सैर के लिए गर्मियों का मौसम सबसे अच्छा है।


माउंट आबू का इतिहास

माउंटआबू एक ऐतिहासिक जगह के तौर पर भी जाना जाता है। इस हिल स्टेशन में कई सारे प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। इतना ही नहीं माउंट आबू एक लोकप्रिय जैन तीर्थ स्थल भी है। पौराणिक कथाओं में भी माउंट आबू का जिक्र मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस जगह के पर्वत बेहद ही पवित्र हैं और इन पवित्र पर्वतों पर देवी देवता भ्रमण करते हैं। इस जगह के साथ जुड़ी कथा के अनुसार असुरों का विनाश करने के लिए महान संत वशिष्ठ ने इस जगह पर एक यज्ञ किया था और इस यज्ञ के कारण असुरों का विशान हो गया था। जबकि जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर इस जगह पर आए थे। जिसके चलते इस जगह को जैन धर्म का पवित्र धाम माना जाता है। माउंटआबू में कई सारे जैन मंदिर भी मौजूद हैं।


कैसे पड़ा माउंटआबू नाम

कहा जाता है कि आरबुआदा एक बेहद ही शक्तिशाली सांप हुआ करता था। जो कि आबू नामक हिमालय का पुत्र था। एक बार भगवान शिव का बैल नंदी खाई में गिर गए था। तब आरबुआदा ने नंदी की जान बचाई थी और तभी से इस जगह का नाम माउंट आबू रख दिया गया। वहीं माउंटआबू पर देवी-देवता का वास भी माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर गोमुख, ऋषि वशिष्ठ रहा करते हैं।


माउंटआबू के पर्यटक स्थल

अगर आप छुट्टियों का प्लान कर रहें हैं तो आप एक बार माउंट आबू (Mount Abu) ज़रूर जाएं। यहाँ पर बहुत से प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। जानते हैं इन दर्शनीय स्थलों की विस्तारपूर्वक जानकारी –


दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू

दिलवाड़ा जैन मंदिर जैनियों का एक तीर्थ स्थल है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं और 13वीं शताब्दी के बीच करवाया गया था। इस मंदिर को वास्तुपाल और तेजपाल द्वारा बनाया गया है। इस मंदिर के निर्माण में संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर में बेहद ही सुंदर नक्काशी भी की गई है। इस मंदिर की छत से लेकर दीवारे बेहद ही सुंदर तरह से बनाई गई है।




माउंटआबू वन्यजीव अभयारण्य


माउंटआबू वन्यजीव अभयारण्य में आपको कई तरह के वनस्पतियां, जानवर और जीव जंतु देखने को मिलेंगे। इस जगह पर जाकर आप अपने आपको प्राकृतिक के पास महसूस करेंगे। यह वन्यजीव अभयारण्य माउंट आबू से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यह वन्यजीव अभयारण्य शाम के पांच बजे तक ही खुला रहता है और इस जगह जाने के लिए आपको टिकट लेने पड़ती है। अगर आप माउंटआबू बच्चों के साथ जाते हैं तो इस जगह पर जरूर जाएं।



नक्की झील


नक्की लेक बेहद ही सुंदर लेक है जो कि माउंट आबू में स्थित है। इस लेक में बोटिंग करने की सुविधा भी दी गई है। इस लेक के आसपास के नजारे बेहद ही सुंदर हैं। यह एक मानव निर्मित झील है और इसकी गहराई लगभग 11,000 है। नक्की झील माउंटआबू के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह झील पूरी तरह से पहाड़ों और चट्टानों से घिरी हुई है।



गुरु शिखर


गुरु शिखर माउंटआबू से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो कि अरावली रेंज की सबसे ऊंची चोटी है। इस शिखर से पूरा माउंट आबू हिल स्टेशन अच्छे से दिखाई देता है। इस शिखर का हिंदू धर्म में बेहद ही खास महत्व भी है। ऐसा कहा जाता है कि इस शिखर पर मौजूद गुफा भगवान विष्णु को समर्पित है। गुरु शिखर बेहद ही ऊंचाई पर स्थित है जिसकी वजह से इस जगह पर पहुंचने के लिए कुछ सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है।




अर्बुदा देवी मंदिर


अर्बुदा देवी मंदिर एक तीर्थ स्थल है जो कि मां सती के 51 शक्तिपीठ में से एक है। नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में खासा भीड़ देखने को मिलती है। मां अर्बुदा देवी को कात्यायनी देवी का अवतार माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में आकर मां की पूजा करने से हर कामना तुरंत पुरी हो जाती है। यह मंदिर एक गुफा के अंदर बना हुआ है। इस मंदिर तक जाने के लिए कुल 365 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर के पास ही एक कुआं भी है और इस कुएं के पानी को बेहद की पवित्र माना जाता है।



टॉड रॉक माउंट आबू


टॉड रॉक चट्टानों से बना एक रॉक है और पर्यटक इस जगह आकर पिकनिक मनाया करते हैं। इस रॉक के पास ही झील और हरे भरे पहाड़ी भी हैं। इस रॉक तक पहुंचने के लिए चढ़ाई करनी पड़ती है। इस रॉक से माउंटआबू का बेहद ही सुंदर नजारा देखने को मिलता है।



सूर्यास्त बिंदु माउंट आबू – Sunset Point, Mount Abu

सन सेट पॉइंट भी माउंटआबू के प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। शाम के समय यहां पर सूर्यास्त होते समय सूर्य से बेहद ही सुंदर किरण निकलती हैं और यह नजारा देखने के लिए कई लोग इस जगह पर मौजूद होते हैं। इस जगह पर जाकर सुकून मिलता है। इसलिए आप सन सेट पॉइंट भी जरूर जाएं।



कब जाएं माउंट आबू


माउंटआबू घूमने का सबसे उत्तम समय सिंतबर से नंवबर और मार्च से मई तक का है। क्योंकि दिसंबर से फरवरी तक इस जगह पर बेहद ही ठंड़ पड़ती है। वहीं जून से अगस्त महीने के दौरान इस जगह का तापमान बेहद ही गर्म होता है।


कैसे पहुंचे

माउंट आबू पहुँचने के लिए आप तीनों मार्ग – सड़क, रेल और हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते हैं।


हवाई मार्ग

माउंट आबू का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर है। जो कि माउंट आबू से 177 किमी की दूरी पर है। उदयपुर से माउंट आबू का सफर 3 घंटे में पूरा होता है।


सड़क मार्ग

माउंट आबू (Mount Abu) देश के प्रमुख हाईवे से जुड़ा हुआ है और इस जगह आसानी से पहुंचा जा सकता है।


रेल मार्ग

यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड है जो कि माउंटआबू से 28 किलोमीटर की दूरी पर है।





49 views2 comments
bottom of page